रीवा के शासकीय गांधी स्मारक चिकित्सालय में बुधवार रात एक दर्दनाक घटना सामने आई, जहाँ एनेस्थीसिया के बाद प्रसूता की मौत हो गई। मृतका 26 वर्षीय शशि मिश्रा, निवासी पनवार, को 9 दिसंबर को प्रसव के लिए भर्ती कराया गया था। इंजेक्शन लगाए जाने के कुछ घंटे बाद उनकी स्थित बिगड़ गई और देर रात मौत हो गई।(एनेस्थीसिया के बाद प्रसूता की मौत)
परिजनों का आरोप: समय पर डॉक्टर या स्टाफ नहीं आया
परिजनों के अनुसार, ऑपरेशन के तुरंत बाद शशि की हालत खराब होने लगी। परिवार ने दावा किया कि उन्होंने नर्स और अस्पताल स्टाफ को कई बार बुलाया, लेकिन किसी ने तत्काल आकर जाँच नहीं की। पति ने आरोप लगाया कि एनेस्थीसिया लगने के थोड़ी देर बाद ही हालत बिगड़ने लगी, लेकिन स्टाफ ने इसे “सामान्य प्रतिक्रिया” बताकर नज़रअंदाज़ कर दिया।
परिवार का कहना है कि शशि पूरी तरह स्वस्थ अवस्था में अस्पताल आई थीं और सभी को बच्चे के सुरक्षित जन्म की उम्मीद थी। लेकिन अचानक तबीयत खराब होने के बाद उनकी मौत ने परिजनों को झकझोर कर रख दिया। हालांकि नवजात की स्थिति सामान्य बताई जा रही है।
हाल ही में भी दो मौतें—अस्पताल पर सवाल
परिजनों ने आरोप लगाया कि 5 दिसंबर को भी अस्पताल में एक जच्चा और नवजात की मौत हुई थी। इसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने लापरवाही पर कोई गंभीर कदम नहीं उठाया। बुधवार को एक अन्य प्रसूता का भी ऑपरेशन हुआ जिसकी हालत गंभीर बनी हुई है और वह ICU में जिंदगी और मौत से जूझ रही है।
अस्पताल प्रबंधन का स्पष्टीकरण
अस्पताल प्रशासन का कहना है कि ऑपरेशन सामान्य तरीके से किया गया था। सीएमओ डॉ. यत्नेश त्रिपाठी के अनुसार, ऑपरेशन के बाद अचानक सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत हुई, जिसके 10 मिनट के भीतर स्थिति गंभीर हो गई।
डॉक्टरों ने कहा कि एनेस्थीसिया के बाद प्रसूता की मौत का कारण अभी स्पष्ट नहीं है और पोस्टमॉर्टम से यह जानकारी मिल सकती थी। लेकिन परिजनों ने PM कराने से मना कर दिया।
एनेस्थीसिया विभाग का बयान
एनेस्थीसिया विभाग के एचओडी डॉ. अवतार सिंह ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि एनेस्थीसिया इंजेक्शन से कोई खतरा उत्पन्न हुआ। यदि इंजेक्शन वजह होता, तो प्रतिक्रिया तुरंत दिखती। उनकी मानें तो मौत के पीछे कोई अन्य चिकित्सकीय कारण हो सकता है।
निष्कर्ष
यह मामला अस्पताल में संभावित लापरवाही, चिकित्सा प्रक्रिया की पारदर्शिता और मरीज सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करता है। एनेस्थीसिया के बाद प्रसूता की मौत का कारण क्या था, यह स्थिति अब भी अस्पष्ट है। परिजन न्याय की मांग कर रहे हैं, जबकि अस्पताल प्रबंधन अपनी ओर से पूरी कोशिश का दावा कर रहा है।