रीवा में बोले जनरल उपेंद्र द्विवेदी – युद्ध का स्वरूप अब बदल रहा है
भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शनिवार को रीवा के टीआरएस कॉलेज में आयोजित एक विशेष सभा को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने भविष्य के युद्ध की जटिलताओं, तकनीकी खतरों, और वैश्विक अस्थिरता पर गहन चर्चा की। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में युद्ध का स्वरूप पूरी तरह से बदल जाएगा।(जनरल उपेंद्र द्विवेदी)
ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद पर प्रहार, निर्दोषों पर नहीं
अपने संबोधन के दौरान जनरल द्विवेदी ने भारत-पाकिस्तान के बीच हुए “ऑपरेशन सिंदूर” का उल्लेख करते हुए कहा,
“इस ऑपरेशन का उद्देश्य स्पष्ट था – आतंकवाद के ढांचे को नष्ट करना और पाकिस्तान को यह संदेश देना कि भारत निर्दोषों पर नहीं, बल्कि आतंकवाद पर वार करता है।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत की हर कार्रवाई आत्मरक्षा और आतंकवाद के उन्मूलन के उद्देश्य से होती है।
भविष्य के युद्ध होंगे तकनीकी और जटिल
जनरल द्विवेदी ने छात्रों से कहा कि अब युद्ध की परिभाषा केवल जमीन, पानी या आसमान तक सीमित नहीं रहेगी।
“भविष्य के युद्ध अस्थिरता, अनिश्चितता, जटिलता और धुंधलेपन से भरे होंगे। आने वाला हर खतरा आज की तुलना में अधिक गंभीर होगा — चाहे वह सीमा सुरक्षा, आतंकवाद, प्राकृतिक आपदा, या साइबर खतरा क्यों न हो,” उन्होंने कहा।
उन्होंने बताया कि आज युद्ध के दायरे में स्पेस वॉरफेयर, सैटेलाइट अटैक, केमिकल और बायोलॉजिकल वारफेयर, और सूचना युद्ध (Information Warfare) जैसे नए खतरे भी शामिल हो गए हैं।
“ट्रंप को खुद नहीं पता कल क्या करेंगे” – जनरल द्विवेदी का व्यंग्य
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अप्रत्याशित बयानों पर कटाक्ष करते हुए जनरल द्विवेदी ने कहा,
“आज ट्रंप क्या कर रहे हैं, शायद खुद ट्रंप भी नहीं जानते कि कल क्या करने वाले हैं। यही आज की दुनिया की सबसे बड़ी चुनौती है — अनिश्चितता।”
उन्होंने कहा कि आज फेक न्यूज और अफवाहें भी युद्ध का हथियार बन चुकी हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान “कराची पर हमले” जैसी झूठी खबरें फैलाई गईं, जिससे भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई।
सूचना युद्ध बन रहा है नया खतरा
जनरल द्विवेदी ने चेताया कि आने वाले समय में सूचना और तकनीकी युद्ध पारंपरिक युद्ध से भी अधिक खतरनाक साबित हो सकता है।
“आज अफवाहें, साइबर अटैक, और सूचना के दुरुपयोग से पूरे देश को अस्थिर किया जा सकता है। इसलिए युवाओं को इन चुनौतियों के प्रति सजग रहना होगा,” उन्होंने कहा।
निष्कर्ष
जनरल उपेंद्र द्विवेदी का यह वक्तव्य केवल सैन्य दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि राष्ट्र की सुरक्षा नीति के लिए भी अहम संदेश देता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आधुनिक युद्ध का मैदान अब डिजिटल, अंतरिक्ष और सूचना की दुनिया में फैल चुका है — और भारत को इसके लिए तैयार रहना होगा।